हेलो दोस्तों।,
        कंप्यूटर वायरस क्या है।(What is Computer Virus)  दोस्तों मैं आज इस आर्टिकल में बताउगा की कम्प्यूटर वायरस क्या है। आपने वायरस का नाम तो सुना ही होगा। इस पोस्ट में कंप्यूटर वायरस के बारे में विस्तार से बनाने जा रहा हु। कंप्यूटर वायरस एक मालिसियस सॉफ्टवेर प्रोग्राम है। मैलवेयर जो एक हार्ड डिस्क ड्राइव के बूट सेक्टर या डेटा फ़ाइलों कोमॉडिफाई या डिलीट करके कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है।
           Computer Virus एक होस्ट कंप्यूटर पर रहता है।फाइलों और दस्तावेजों को हटा सकता है या संशोधित कर सकता है। एक्सेक्यूटे के समय खुद को दोहरा सकता है। Virus उपयोगकर्ता  के Data को चुरा सकता है। User की प्रतिक्रिया रिकॉड कर सकता है। कंप्यूटर को स्लो कर सकता है। प्रोसेसर को धीमा कर सकता है। और कंप्यूटर को डैमेज कर सकता है।
What is Computer Virus in Hindi



Definition of Computer Virus In Hindi

कंप्यूटर वायरस एक प्रोग्राम है जो हैकर के द्वारा बनाया जाता है जिससे यूजर के डाटा चोरी कर सकता है और डिलीट कर सकता है। ”. फ्लॉपी डिस्क ,usb ,हार्ड डिस्क फ़ाइलों में स्वयं को attache कर सकता है।यदि वायरस संक्रमित फाइल को किसी के कंप्यूटर पर कॉपी करते है। तो वायरस भी उस कंप्यूटर पर भी कॉपी हो जाता है। इसलिए हमेसा किसी पेन ड्राइव  या मेमोरी कार्ड यदि को कंप्यूटर से attach करने से पहले वायरस स्कैन कर लेना चाहिए। वर्ना आपके कंप्यूटर में वायरस आने की सम्भवना रहती है। एक वायरस युक्त फाइल को संक्रमित फ़ाइल(infected File) कहा जाता है।

Activation of Virus In Hindi

सक्रियकरण:-  कंप्यूटर पर वायरस काम करना शुरू करता है।  तो  इसे वायरस का सक्रियकरण(Activation) कहा जाता है। एक वायरस सामान्यतः कंप्यूटर में हर समय चलता रहता है विभिन्न वायरस विभिन्न तरीकों से सक्रिय होते है। कई वायरस एक निश्चित समय पर सक्रिय होते  है। इन वायरस के कारण काफी नुकसान होता है ।


Damages caused by virus In Hindi

कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर हार्डवेयर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता पर इससे कंप्यूटर सिस्टम पर कई नुकसान हो सकते है एक वायरस निम्न तरीके  से computer को नुकशान कर सकता हैं:
  1. कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर पर डेटा या सॉफ़्टवेयर को नुकसान पहुंचा सकता है.
  2. यह कंप्यूटर सिस्टम पर कुछ या सभी फाइलों को हटा सकता है.
  3. यह हार्ड ड्राइव को Format करके सभी डेटा को नष्ट कर सकता है.
  4. यह किसी के भी computer और मोबाइल पर एक गलत संदेश display कर सकता है और राजनैतिक या आर्थिक झगडे करावा सकता है.

Causes of Computer Virus In Hindi

कंप्यूटर वायरस के मुख्य कारण निम्न हैं:

Infected Flash Drives or Disks

फ्लैश ड्राइव और डिस्क वायरस फैलने के मुख्य कारण है. फ्लैश ड्राइव और डिस्क का उपयोग एक कंप्यूटर से दूसरे में डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है इसके जरिये एक वायरस को एक कंप्यूटर से दूसरे पर कॉपी किया जा सकता है जब उपयोगकर्ता फ्लैश ड्राइव और डिस्क का उपयोग कर संक्रमित फाइल कॉपी करता है.

Email Attachments

अधिकांश वायरस ईमेल के माध्यम से फैलता है Email attachment एक फाइल है जो एक ईमेल के साथ भेजी जाती है एक ईमेल में संक्रमित फ़ाइल अटैचमेंट हो सकता है. अगर उपयोगकर्ता Email attachment को खोलता है और डाउनलोड करता है तो वायरस फैल सकता है यह सक्रिय हो जाने पर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकता है यह हार्ड डिस्क फ़ाइलों को नष्ट कर सकता है या email addresse में सहेजे गए सभी ईमेल address पर स्वचालित रूप से वायरस भेज सकता है.

Infected / Pornography websites

बहुत से असुरक्षित वेबसाइटों के वायरस से कंप्यूटर संक्रमित हो सकता  हैं पोर्नोग्राफिक सामग्रियों वाली अधिकांश वेबसाइट Virus Infected होती हैं, इसलिए इन वेबसाइटों पर जाने से  user के कंप्यूटर पर भी  वायरस आ जाता है. इन वेबसाइटों को वायरस या अन्य अनैतिक सामग्री(unethical material) फैलाने के लिए बनाया जाता है. इस material को डाउनलोड किए जाने पर वायरस को उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर transfer कर दिया जाता है,अगर उयोगकर्ता उन पर विज़िट करते हैं तो ये वेबसाइटें स्वचालित रूप से कंप्यूटर तक पहुंच सकती हैं और वायरस आपके computer में फैला सकती है.

Networks

यदि एक संक्रमित कंप्यूटर किसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है तो वायरस फैल सकता है. इंटरनेट ऐसे नेटवर्क का एक उदाहरण है जब कोई उपयोगकर्ता इंटरनेट से वायरस से संक्रमित फाइल डाउनलोड करता है, तो वायरस कंप्यूटर पर कॉपी होता है. यह कंप्यूटर पर संग्रहीत फ़ाइलों को संक्रमित कर सकता है

Pirated Software

सॉफ्टवेयर की एक अवैध कॉपी को पायरेटेड सॉफ्टवेयर कहा जाता है अगर उपयोगकर्ता वायरस के साथ पायरेटेड सॉफ़्टवेयर इनस्टॉल करते हैं तो वायरस फैल सकता है पाइरेटेड सॉफ्टवेयर की एक किस्म सीडी में और इंटरनेट से उपलब्ध होती है कुछ कंपनियां सॉफ़्टवेयर में जानबूझकर वायरस जोड़ती हैं वायरस स्वचालित रूप से सक्रिय होता है अगर उपयोगकर्ता सॉफ्टवेयर खरीदे बिना सॉफ़्टवेयर का उपयोग करता है तब यह समस्या आती है.

Types of Computer Virus In Hindi


  • बूट सेक्टर वायरस (Boot Sector Virus) – इस प्रकार के वायरस फ्लापी तथा हार्डडिस्क के बूट सेक्टर में संगृहीत होते है| जब कम्प्यूटर को प्रारम्भ करते है तब यह आपरेटिंग सिस्टम को लोड होने में बाधा डालते है और यदि किसी तरह आपरेटिंग सिस्टम कार्य करने लगता है तब यह कम्प्यूटर के दुसरे संयंत्रो को बाधित करने लगते है|
  • पार्टीशन टेबल वायरस (Partition Table Virus) – इस प्रकार के वायरस हार्ड डिस्क के विभाजन तालिका को नुकसान पहुचाते है| इनसे कम्प्यूटर के डाटा को कोई डर नही होता| यह हार्डडिस्क के मास्टर बूट रिकार्ड को प्रभावित करता है तथा निम्नलिखित परिणाम होते है|
  1. यह मास्टर बूट रिकार्ड के उच्च प्राथमिकता वाले स्थान पर अपने आप को क्रियान्वित करते है|
  2. यह रैम की क्षमता को कम कर देते है|
  3. यह डिस्क के इनपुट/आउटपुट नियंत्रक प्रोग्राम में त्रुटी उत्पन्न करते है|
  • फ़ाइल वायरस (File Virus) – यह वायरस कंप्यूटर की Files को नुकसान पहुचता है यह .exe फ़ाइल को नुक्सान पहुचता हैं इन्हें फाइल वायरस कहा जाता हैं|
  • गुप्त वायरस (Stealth Virus) – गुप्त वायरस अपने नाम के अनुसार कम्प्यूटर में User से अपनी पहचान छिपाने का हर संभव प्रयास करते है| इन्हें गुप्त वायरस कहा जाता हैं|
  • पॉलिमार्फिक वायरस (Polymorphic Virus) – यह वायरस अपने आप को बार – बार बदलने की क्षमता रखता है ताकि प्रत्येक संक्रमण वास्तविक संक्रमण से बिल्कुल अलग दिखे | ऐसे वायरस को रोकना अत्यंत कठिन होता है क्योकि प्रत्येक बार ये बिल्कुल अलग होता है |
  • मैक्रो वायरस (Macro Virus) – मैक्रो वायरस विशेष रूप से कुछ विशेष प्रकार के फ़ाइल जैसे डाक्यूमेंट, स्प्रेडशीट इत्यादि को क्षतिग्रस्त करने के लिए होते है | ये वायरस केवल Micro Software Office की फाइलों को नुकसान पहुचता हैं|

कंप्यूटर वायरस से कैसे बचें (Protection from Computer Virus In Hindi)

वायरस कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता है यदि एंटीवायरस प्रोग्राम का नवीनतम और अपडेट किया गया संस्करण इनस्टॉल नहीं है.तो  नवीनतम एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को कंप्यूटर पर वायरस से बचाने के लिए इनस्टॉल किया जाना चाहिए.

इन सावधानियों का पालन करके कंप्यूटर सिस्टम को वायरस से सुरक्षित किया जा सकता है:
  1. कंप्यूटर पर एंटी-वायरस और फ़ायरवॉल का नवीनतम और अपडेट किया गया संस्करण इनस्टॉल किया जाना चाहिए.
  2. Anti-Virus सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपग्रेड किया जाना चाहिए.
  3. यूएसबी ड्राइव को वायरस के लिए स्कैन किया जाना चाहिए, और संक्रमित कंप्यूटरों पर इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
  4. जंक या अज्ञात ईमेल को खोला नहीं जाना चाहिए और सीधे हटा दिया जाना चाहिए.
  5. कंप्यूटर पर अनधिकृत या पायरेटेड सॉफ़्टवेयर इनस्टॉल नहीं होना चाहिए.
  6. वायरस से सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण तरीका डेटा बैकअप का उपयोग करना है,बैकअप data उपयोग किया जाता है यदि वायरस डेटा को delete कर देता है या इसे संशोधित करता है. तो अपने डेटा को नियमित आधार पर बैक-अप करें. बहुत से सॉफ्टवेयर मार्किट में available  हैं जो आपके डेटा को automatic रूप से बैकअप कर सकते हैं.
  7. इंटरनेट से डाउनलोड किये हुए फ्रीवेयर और शेयरवेयर सॉफ्टवेयर में आमतौर पर वायरस होते हैं सॉफ्टवेयर का उपयोग करने से पहले उन्हें जांचना जरुरी  है.
  8. आपका सबसे अच्छा protection आपकी समान्य सावधानी रखना है जैसे – संदेहास्पद लिंक पर कभी भी क्लिक न करें, कभी संदेहास्पद वेबसाइटों से गाने, वीडियो या फ़ाइलों को डाउनलोड न करें कभी भी अपने व्यक्तिगत डेटा को उन लोगों के साथ साझा न करें जिन्हें आप इंटरनेट पर नहीं जानते हैं.